Deepak Verma | एजेंसियां | Updated: 31 Oct 2020, 09:27:00 AM
फ्रांस में आतंकी हमलों के बीच पेरिस गए विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (foreign secretary Harsh Shringla) ने कहा है कि आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वाला चरमपंथ, दोनों सेंसरशिप का सबसे खतरनाक रूप हैं।
विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला।
श्रृंगला ने कहा कि आतंकवाद और उसे बढ़ावा देना वाला चरमपंथ, दोनों मिलकर सेंसरशिप के सबसे खतरनाक रूप हैं। अपने फ्रांस दौरे पर विदेश सचिव ने शिक्षाविदों से लेकर मीडिया और थिंक टैंक्स से बातचीत की है। उन्होंने जोर दिया कि आतंकवाद को देशों और संस्थाओं का समर्थन मिलने से लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं और साझा आदर्शों को खतरा है।
‘तीन दशकों में दुनिया ने देखा कट्टरपंथ का कहर’
विदेश सचिव ने कहा कि ‘कट्टरपंथी विचारधारा हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देती है, जो अक्सर विदेशी प्रभाव से संचालित और समर्थित होती है।’ उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें बहुलतावादी समाजों को अस्थिर करती हैं। श्रृंगला के मुताबिक, “पिछले तीन दशकों से, हमने अनुभव किया है कि बेलगाम कट्टरपंथी किस तरह से कहर बरपा सकते हैं। सभ्य दुनिया को इस पर एक साथ काम करने और दृढ़ता के साथ इससे निपटने की जरूरत है।”
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तीन देशों के दौरे का पहला पड़ाव है फ्रांस
श्रृंगला ने शुक्रवार को फ्रांस की अंतरराष्ट्रीय संबंध और रणनीति महानिदेशक (DGRIS) एलिस गुइटन के साथ मीटिंग की थी। इसमें दोनों के बीच भारत-प्रशांत क्षेत्र एवं समुद्री सुरक्षा, रक्षा साझेदारी और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। श्रृंगला अपने सप्ताह भर के तीन देशों के यूरोप दौरे के पहले चरण में फ्रांस में हैं। फ्रांस से वह जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करेंगे। श्रृंगला ने शुक्रवार को यूरोप और विदेश मामलों के फ्रांसीसी मंत्रालय के महासचिव फ्रेंकोइस डेलाट्रे के साथ भी मुलाकात की।
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भारत और फ्रांस में बढ़ती नजदीकियां
विदेश सचिव ने भारत और फ्रांस की दोस्ती को भी बेहद तवज्जो दी। एक सूत्र के अनुसार, ‘आतंकवाद से लेकर ग्लोबल वार्मिंग तक, मैरिटाइम सिक्योरिटी से लेकर सतत विकास तक, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से लेकर तकनीक और नवीनीकरण के क्षेत्र में, हम एक ही पाले में खड़े हैं।’ सूत्र ने कहा, “कोविड और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर दबाव के चलते यह साल चुनौतियों से भरा रहा है। बहुलतावाद में सुधार और अपग्रेडेशन की जरूरत है, लेकिन उससे हुए फायदों को भी उठाना चाहिए। बहुलतावादी रुझान वाले, भारत और फ्रांस को मिलकर जिम्मेदारियां उठानी होंगी। खासतौर से UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में जहां हम साथ काम करेंगे।”
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Web Title : harsh shringla france visit foreign secy says cant pretend these are lone-wolf hits
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